Monday, August 21, 2017

पानी से गीली ऐसी तौलिया से कम कर सकते है आप अपना वजन

सिर्फ एक तौलिया भी वजन काम कर सकता हैं यह जानकार आपको आश्चर्य जरूर होगा. आज हम आपको इस आलेख में यही बताने जा रहे हैं की आप कैसे अपना वजन आसानी से काम कर सकते हैं. कई लोगों का मानना हैं की अगर आप थोड़े हेल्थी हैं पर आपको कोई बीमारी नहीं हैं. आप अपना काम आराम से करते हैं तो भी मोटापे की श्रेणी में नहीं आते. लेकिनआजकल जीरो फिगर के चक्कर में ना जाने कितने लोग बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. क्योंकि वह अपने खान-पान पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देतें। अगर आप खाएंगे नहीं तो स्वाभाविक है कि आप बीमार होंगे। फिर आपका वजन बढ़े या कम हो आपको बिस्तर पकड़ना ही पड़ता है. आज हम आपको ऐसा उपाय बताने जा रहे हैं. जिसे अपनाकर आप अपने वजन को आसानी से कम कर सकते हैं. यह उपाय वो ही अपनाये जो वाकई में मोटे हों.

- यह उपाय बिलकुल आसान है. अगर आप रात को सोते समय अपने पेट पर गीला तौलिया रखकर सोते हैं. तो यह आपके पेट की चर्बी को कम करता है गीले तौलिए को पेट पर रखने की वजह से यह आपके पाचनतंत्र सुदृण करता है. यह आपके पेट से सफेद चर्बी की सेल्स को तोड़ कर उन्हें ब्राउन सेल्स में बदलने का काम करता है. आपको इसके लिए करना कुछ नहीं हैं. सिर्फ नॉर्मल पानी में मोटे तोलिए को भिगोकर पेट पर रखना है. सुबह होते ही इस तोलिये अपने पेट से हटा देना है. यह उपाय कुछ समय तक करने से आपको जरूर लाभ मिलेगा।

- इसके अलावा अगर आप अपने पेट पर काली मिट्टी का लेप करते हैं. तो भी यह आपके शरीर से चर्बी को कम करता है.

- रात को त्रिफला पाउडर को भिगोकर हलके गुनगुने पानी से पीकर भी आप वजन काम कर सकते हैं.

इन सब उपायों के अलावा अगर आप अपने खानपान पर ध्यान देते हैं और नियमित एक्सरसाइज या योगा करते हैं. तो आपका वजन आपके कंट्रोल में रहता है अपने शरीर के लिए दिया गया थोड़ा सा समय आपको सेहतमंद बना सकता है.

गर्भपात को रोकने में मदद करता है यह अनाज

जौ एक ऐसा अनाज है जो कि आपके स्वास्थ्य से जुड़े हुए समस्याओं में लाभ देता है. जौ स्वाधीन होता है. यह गेहूं की अपेक्षा पचने में भारी होता है. ज्यादा मात्रा में खाने पर आपको पेट में वायु बनने की परेशानी हो सकती है. अगर किसी को खांसी, सर दर्द, सीने में दर्द ,मसूड़ों की सूजन, आदि बीमारी होती है, तो उनको जौ को खाना चाहिए. वैज्ञानिकों का मानना है कि जो व्यक्ति बीमार रहते हैं. उनको अनाज के रूप में जौ खाना चाहिए. इसमें लैक्टिक एसिड, सैलिसिलिक एसिड, फास्फोरिक एसिड, पोटेशियम, कैल्शियम पाया जाता है.

किसी भी स्त्री का अगर बार बार गर्भपात हो जाता है तो उसको जौ के आटे में शक्कर को बराबर की मात्रा में मिलाकर खाना चाहिए. ऐसा करने से गर्भपात की समस्या से आराम मिलता है. इसके अलावा आप जौ तिल और शक्कर को समान मात्रा में लेकर इसका चूर्ण बना लें. इस चूर्ण को शहद के साथ खाने से आपको गर्भपात होने का डर नहीं रहता.

जिन लोगों को रक्त वात की परेशानी होती है उन्हें जौ के सके हुए आटे और मुलेठी को धोये हुए घी में मिलाकर लेप लगाने से रक्त वात की परेशानी दूर होती है. जिनको अतिसार की बीमारी है और आंतो में तेज जलन होती है. उनको जौ और मुंग का पसावन(माड़) बना कर पीना चाहिए. आराम मिलेगा.

चावल से ज्यादा पौष्टिक होती है खिचड़ी

चावल एक ऐसा अनाज है जिसे हर व्यक्ति खाना पसंद करता है आज हम आपको चावलों के कुछ स्वास्थ्य लाभ बताने जा रहे हैं जिन्हें जानकर आपको आश्चर्य होगा चावल आपकी कई बीमारियों से निजात दिलाने में मदद करते हैं. जो लोग बीमार होते हैं उन्हें अधिकतर चावल खाने की सलाह दी जाती है. क्योंकि चावल बहुत थी हल्के होते हैं. मरीजों को चावल की खिचड़ी इसलिए दी जाती है ताकि उसे आसानी से पचाया जा सके.

जिन व्यक्तियों को पाचन संबंधी बीमारी होती है उन्हें चावल की महेरी खानी चाहिए. यह चावल मट्ठे(छाछ) में उबालकर पकाए जाते हैं जिन्हें महेरी कहा जाता है. यह पचने में आसान होते है. दूध के साथ अगर आप चावल का चिउड़ा खाते हैं तो यह पुष्टिकारक होता है. आपके शरीर को बल प्रदान करता है, और अगर आपको कब्ज से संबंधित परेशानी हो तो भी उसमें यह लाभ देता है. चावल आप खिचड़ी के रूप में उनको खाते हैं, तो आपको ज्यादा लाभ मिलता है. दाल के साथ चावल खाने से उसका वायु कारक गुण कम हो जाता है, और यह पौष्टिक गुण को बढ़ा देता है. चावल के मांड में शहद मिलाकर पीने से तृषा रोग मिट जाता है. चावल के मुरमुरे और मिश्री को उबाल कर रख लें. इस काढ़े को बार बार पीने से शरीर की गर्मी शांत होती है. चावल का माड़ पीने से भांग का नशा भी उतर जाता है.

जवाखार के पानी का यह उपाय अपनाएं

जौ मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत ही लाभकारी होती है. इसको खाने से उनके शरीर में शर्करा का स्तर नहीं पढ़ पाता. जिनके शरीर में चर्बी बढ़ गई है या फिर मोटापा बढ़ गया है उन्हें गेहू की रोटी के स्थान पर जौ की रोटी खानी चाहिए. इस रोटी को अगर आप चौलाई की भाजी के साथ खाते हैं तो आपके शरीर से धीरे-धीरे मोटापा घटने लगता है. जिन लोगों को बेचैनी और घबराहट होने की बीमारी होती है उन्हें भी जौ की रोटी खानी चाहिए. इसे अगर आप मूंग की दाल के साथ खाते हैं तो यह आपके अंदर घबराहट और बेचैनी की बीमारी को दूर करता है, और यह आपके शरीर को फुर्तीला बनाता है. विद्यार्थियों को जौ की रोटी बहुत ही लाभकारी होती है. जिन लोगों को खांसी स्वास्थ और कब संबंधी परेशानी होती है उनके लिए भी जो बहुत ही लाभकारी होती है.

आप चाहे तो इस निम्न उपाय को अपना कर अपने शरीर से किसी भी प्रकार का दर्द, शरीर में वात का प्रकोप, कफ संबंधित परेशानी, स्वास रोग, कंठ रोग, पांडु रोग और संग्रहणी रोग, पेट में वायु का गोला उठना, हमेशा पेट भरा रहना, प्लीहा में वृद्धि और हृदय रोग को नष्ट करता है.

इसके लिए आपको जौ के पौधों को जलाकर उनकी राख बना लें. फिर उस राख को १०० गुना पानी में रात को भिगोकर रख दीजिए. फिर उस पानी को सावधानी से निथार कर कपड़े से छानकर कलई वाली कढ़ाई में उबाल लीजिए. अब आपका जवाखार पानी तैयार है. इससे आप सुबह के समय रोज पीजिये. लाभ होगा.

त्वचा को सुंदर बनाने के लिए अपनाये वर्षा का पानी

प्रकृति आपको इतने सुंदर और अनमोल उपहार देती है कि आप उन्हें अपना कर लाभ ले सकते हैं. लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि हमें उन चीजों की जानकारी ही नहीं होती. जो हमारे लिए लाभकारी है. अब आप बारिश का पानी ही ले लीजिए. आपको यह जानकर बहुत ही आश्चर्य होगा की बारिश का पानी आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है. यह आपकी त्वचा पर चमक देता है. मुहासे दूर करता है. इसके अलावा भी बारिश के पानी के ऐसे कई चिकित्सीय लाभ होते हैं. जिनसे आप लोग अभी तक अनभिज्ञ हैं. आज हम आपको बारिश के पानी के कुछ ऐसे ही बेहतरीन उपाय बताने जा रहे हैं. जो आपको अवश्य ही लाभ देंगे. वैसे भी अवि बारिश का मौसम तो चल ही रहा है. तो इन्हे आजमाकर देखे.

जब सावन के महीने में बारिश शुरू होती है तो शुरुआत की ४-5 बारिश के पानी को छोड़कर अगर आप उसके बाद के बारिश का पानी से अपना चेहरा धोते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही लाभकारी होता है. इसका असर देखने के लिए आप किसी भी बर्तन में बरसात के पानी को इकट्ठा कर ले. फिर इस पानी को किसी बोतल में भरकर रख दें, और आप जब इस पानी से अपना मुंह धोयेंगे तो यह आपकी त्वचा को बहुत ही मुलायम और सुंदर बना देगा. आप चाहते हैं कि आपके चहरे पर ग्लो नजर आए तो आप मुल्तानी मिट्टी को बारिश के पानी में रात भर भिगोकर रख दें. फिर इस मिट्टी को 10 से 15 मिनट तक अपने चेहरे पर लगाएं. यह उपाय जहां आपको मुहांसों से मुक्ति दिलाता है. वहीं कुछ ही दिनों में आपकी त्वचा पर ग्लो भी नजर आने लगता है.

गेहूं से हो जाए आप निरोगी

गेहूं सबसे ज्यादा भारत में उगाया जाता है. दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा गेहूं खाया जाता है. हर घर में गेहूं की रोटी बनती है. आज हम आपको गेहूं के स्वास्थ्य लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं. गेहूं खाने से आपके शरीर में रंगत आती है. यह आपके खाने में रूचि बढ़ाता है. यह कफ को दूर करने वाला होता है. जिन लोगों को जोड़ों में दर्द की परेशानी होती है. उनके लिए भी यह बहुत ही लाभकारी होता है. गेहूं खाने से आपका पाचन तंत्र भी अच्छा रहता है. यह शीतल और मधुर प्रकृति का होता है. यह आपके शरीर से वात और कफ से संबंधित परेशानी को दूर करता है.

आप गेहूं की रोटी नियमित रूप से खाते हैं. तो आपके शरीर को यह बल प्रदान करती है. आपके शरीर से वायु का नाश करती है. जुखाम सर्दी खांसी या फिर सांस संबंधी बीमारी होने पर आपको गेहूं की गरम गरम रोटी खाना चाहिए. आप गेहू के अलावा इस के ज्वारे का भी प्रयोग कर सकते हैं. यह आपको पित्त और वायु से सम्बंधित रोगों में आराम देता है. यह आपके गर्भ स्त्राव को भी रोकता है.

गर्मी की वजह से जो शरीर में कब्ज़ हो जाती है उसको भी दूर करता है. जिसके शरीर में गर्मी के कारण वजन बढ़ जाता है या कम हो जाता है उसमें भी जवारे लाभ देता है. अगर आपको कोई बीमारी हो गई है और वह पूर्ण रुप से ठीक हो गई है और उसके बाद आप गेहूं के जवारों का रस पीते हैं तो आपका शरीर बहुत जल्दी पहले की स्थिति में लौट आता है. नाक से खून गिरने की स्थिति में आपको गेहूं के आटे में शक्कर और दूध मिलाकर पीना चाहिए. ऐसा करने से आपके नाक से खून गिरना बंद हो जाता है.

आपके सोने में किया गया यह बदलाव, देता है स्वास्थ्य लाभ


रात के समय जब हम सो जाते हैं तो हमें खुद ही पता नहीं रहता कि हम किस करवट सो रहे हैं. अधिकतर देखा होगा की व्यक्ति को जिस स्थिति में आराम मिलता है वो उस स्थिति में सो जाता है. छाए वो दाए करवट हो, बाए करवट हो, बिलकुल सीधा या फिर पेट के बल सोना हो. पर आपको यह जानकार आश्चर्य होगा की जब आप आपने सोने के तरीके में यह एक चीज को जोड़ लेते है तो आप आपने स्वास्थ्य रहने की प्रक्रिया में एक कदम और बड़ा देते है. आपके सोने में किया गया यह छोटा सा बदलाव आपको और परिवार को स्वस्थ सम्बन्धी बड़ा लाभ देता है.
वैज्ञानिको की माने तो अगर आप रात में बाए करवट सोते है तो आपकी पेट संबंधी सारी परेशानिया धीरे- धीरे दूर होने लगती है. जैसे की पेट में गैस बनना, पेट का फूलना, एसिडिटी की परेशानी आदि. डॉक्टरों के अनुसार बाएं ओर करवट लेकर सोने से शरीर में जमा होने वाली गंदगी जिसे टॉक्सिन कहते है.  धीरे-धीरे लसिका तंत्र द्वारा निकल जाते हैं, क्योंकि बाई ओर सोने से हमारे लीवर पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं पड़ता, इसलिए यह टॉक्सिन शरीर से बाह निकलने में सफल हो जाते हैं। जिससे आप कई बीमारियों से बच जाते है. बाएं ओर सोने के कारण ग्रेविटी, भोजन को छोटी आंत से बड़ी आंत तक आराम से पहुंचाने में मदद करती है। जिसके कारण आपका सुबह आपका पेट आसानी से साफ हो जाता है.
हम और आप जानते है की नींद में हमें ध्यान नहीं रहता की हम किस और सो रहे है. लेकिन आप जब भी सोये बाए करवट सोये और जब भी आपकी नींद खुले और आपकी करवट बदल गई होइ तो  आप अपनी करवट को बदलकर फिर से बाए करवट सो जाए. बच्चो को भी ऐसी करवट सुलाने की आदत डाले.

यह उपाय आपके और परिवार के लिए है फायदेमंद

आज हम आपको निरोगी रखने के कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे है जिसे अपनाकर आप और आपका परिवार स्वस्थ्य रह सकता है. आप भी इन छोटी बातो का ध्यान रखोगे तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा. क्युकी आपके जीवनशैली में किया गया बदलाव आपको और परिवार को स्वस्थ्य रख सकता है.

नाक को किसी भी प्रकार से रोग को दूर रखने के लिये हमेशा नाक में सरसों या तिल आदि तेल की बूँदें डालनी चाहिए. यह उपाय आपको लाभ देता है. आपके शरीर में कफ, पित्त और वात बढ़ता हो तो आपको शाम के समय अपनी नाक में तेल की कुछ बुँदे डालनी चाहिए. ऐसा करने से आपके मुँह से बदबू आने की परेशानी, झुर्रियों की परेशानी मिलती है इसके साथ ही आपके बाल भी जल्दी सफ़ेद नहीं होते. चहरे पर फुंसिया नहीं आती.

आप नियम पूर्वक अपने कानो में तेल डालते है तो आपको बहरेपन की परेशानी नहीं होती. आपको एक बात ध्यान रखना है की कान में तेल डालते यह ध्यान रखे की आपको यह काम खाना खाने से पहले करना है. जो व्यक्ति सोते समय बिजौरे के पत्तों का चूर्ण शहद के साथ चाटता है वो रात में आराम से सोता है. वह खर्राटे नहीं लेता. जो लोग रोज सूर्योदय से पूर्व, रात का रखा हुआ आधा से सवा लीटर पानी पीने का नियम का पालन करता है तो वह निरोगी रहता है.

Saturday, August 19, 2017

दाल और सब्जी बनाते समय डाले यह एक चीज़, परिवार रहेगा स्वस्थ

हर घर में खाना बनता है. दाल भी बनती है और सब्जी भी. अब आप  सोच रहे होंगे की इसमें मेने क्या नया बता दिया। घर है तो खाना बनेगा ही. पर आज हम आपको बताने जा रहे ही की दाल या सब्जी बनाते समय अगर आप इस एक चीज़ को उसमे डाल देते है तो आपकी श्वाश की बीमारी, दमा, खांसी,चक्कर आना, हायपर एसिडिटी और शरीर को बल प्रदान करने में सहायक होती है यह गुणकारी चीज़.
आपको करना बस इतना है की जब भी दाल या सब्जी बनाये तो उसमे दो आंवले साथ में उबाल दे. ऐसा करने से आपकी सब्जी और दाल का स्वाद बढ़ेगा. उसके बाद उन्ही आंवले को बहार निकाल कर उनमे बीज निकले हुए मुनक्के और इनमे 1 ग्राम सौंठ चूर्ण मिलाकर इन सबको अच्छे से मसल कर चटनी कर लें. इस मिश्रण को दिन में एक बार खाने के 1 घंटे बाद एक चम्मच शहद के साथ चाट ले. ऐसा नियमित कुछ समय तक करने से आपको लाभ मिलेगा.
यह उपाय हर उम्र के लोगो के लिए है. जिन लोगो ऊपर दी गई परेशानिया है उनको यह नुस्खा अवश्य अपनाना चाहिए.

Monday, August 14, 2017

गर्भावस्था के दौरान होने वाली सामान्य तकलीफें और समाधान पार्ट -3


प्रेगनेंसी के समय मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या
Pregnancy problam & Soultion 

प्रेगनेंसी के समय महिलाओं को शरीर की मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या होने लगती है. यह परेशानी पैरों में अधिकतर होती है. क्योंकि वजन बढ़ने की वजह से आपके शरीर का भार पैरों पर अधिक हो जाता है. इस परेशानी का कारण शरीर में कैल्शियम विटामिन तथा लवणों की कमी है.

समाधान

 इस परेशानी से निपटने के लिए स्त्रियों को अपने खाने में ऐसे खाद्य पदार्थों की मात्रा लेनी चाहिए जिसमें कैल्शियम विटामिन भारी मात्रा में हो. आप दूध से बने हुए पदार्थ, या दूध,  हरी पत्तेदार सब्जियां, सलाद और दालों का अधिक मात्रा में उपयोग कर सकते हैं. अगर आपके शरीर में मांसपेशियों की ऐंठन ज्यादा है तो आपको नींबू पानी का सेवन करना चाहिए। इस पानी में नमक डालकर पी सकते हैं. अगर आप ब्लड प्रेशर के मरीज है तो आपको नमक नहीं खाना चाहिए। ऐठन की समस्या होने पर आपको हल्का- हल्का व्यायाम भी करना चाहिए। आप अपने पैरों और घुटनों के जोड़ को कई बार मोड़ने का प्रयास करना चाहिए। इसके अलावा आप एड़ियों  के बल चल सकते हैं. पंजों के बल चल सकते हैं. ऐठन की  परेशानी होने पर थोड़ा टहलना भी लाभकारी होता है.

Thursday, August 10, 2017

गर्भावस्था के दौरान होने वाली सामान्य तकलीफें और समाधान पार्ट -2

गर्भावस्था  के दौरान बवासीर की परेशानी
 pregnancy problam & Soultion 

गर्भ धारण के समय स्त्रियों को कई प्रकार की सामान्य तकलीफों और परेशानियों से गुजरना पड़ता है आज हम आपको इन्हीं के बारे में बताने जा रहे हैं. यह सामान्य तकलीफें और परेशानियों को आप किस प्रकार से निजात पा सकते हैं. उसके बारे में जानकारी देंगे। यह एक कड़ी के रुप में कई चरणों में प्रस्तुत की जाएगी।

गर्भावस्था  के दौरान कई स्त्रियों को बवासीर की भी परेशानी हो जाती है. क्योंकि आपके शरीर में बच्चे के वजन के बढ़ने के कारण आपके मलद्वार दबाव पड़ना शुरू हो जाता है. जब आपके बच्चे दानी का वजन बढ़ता है तो आपके मल द्वार के पास जो नसे होती है  होती हैं वह फेल कर मोटी हो जाती है. जिसकी वजह से आपको मल त्याग करने में परेशानी होती है. गर्भावस्था के दौरान बच्चे के सिर का दबाव रक्त की धमनियों पर पड़ता है जिसके कारण स्त्री बवासीर से पीड़ित हो जाती है. बच्चेदानी के दबाव के कारण बवासीर भी  शिकायत हो जाती है

समाधान

गर्भ धारण के बाद अगर आपको बवासीर की परेशानी हो जाती है. तो आपको सबसे पहले अपने खाने पर ध्यान देना चाहिए। उसके बाद आपको अपने मलद्वार को हल्के गुनगुने पानी से धोकर वहां पर मल्हम लगाना चाहिए। बवासीर से जो लोग परेशान होते हैं उन्हें ज्यादा देर तक मल त्याग करने के लिए नहीं बैठना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान कभी भी ऑपरेशन या इंजेक्शन की सहायता से बवासीर का इलाज नहीं करवाना चाहिए। यह मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक होता है. गर्भावस्था के बाद बवासीर खुद ही सही हो जाती है.

गर्भावस्था के दौरान होने वाली सामान्य तकलीफें और समाधान पार्ट -1


गर्भ धारण के समय नसों में जकड़न की परेशानी
pregnancy problam & Soultion

गर्भ धारण के समय स्त्रियों को कई प्रकार की सामान्य तकलीफों और परेशानियों से गुजरना पड़ता है आज हम आपको इन्हीं के बारे में बताने जा रहे हैं. यह सामान्य तकलीफें और परेशानियों को आप किस प्रकार से निजात पा सकते हैं. उसके बारे में जानकारी देंगे। यह एक कड़ी के रुप में कई चरणों में प्रस्तुत की जाएगी।

- सबसे पहले हम बात करते हैं वेरीकोज वेन की- गर्भावस्था से पहले या फिर कभी-कभी गर्भावस्था के बाद में स्त्रियों के शरीर पर नीले रंग की बड़ी-बड़ी नसे दिखाई पढ़ती हैं जिन्हें वैरिकोस कहा जाता है.
- स्त्रियों को स्तनों के निप्पल, योनि का बाहरी भाग, मलद्वार की त्वचा आदि का रंग  गहरा होने लगता है. इससे घबराये नहीं.
- किसी किसी को गालों और माथे  के बीच के हिस्से की त्वचा पर काले दाग और झाइयां दिखाई देने लगती हैं.
 - गर्भावस्था में नाभि के नीचे एक काले रंग की लकीर दिखाई पड़ने लगती है.
-हारमोनस के बदलाव के कारण गर्भवती स्त्री के शरीर में कई प्रकार के निशान आ जाते हैं. जिनकी वजह आपके शरीर में कई प्रकार के रसायनों का स्राव होता है जो आपकी गर्भावस्था के लिए जरूरी होते हैं. गर्भावस्था में आपके शरीर में रक्त का बहाव  सही तरीके से नहीं होने की वजह से आपके शरीर में बड़ी-बड़ी नशे उभरती हुई  दिखाई देती हैं.

सलाह
 आपको भी ऊपर दी गई परेशानी हो तो ऐसी स्त्री को गर्भ अवस्था के दौरान ज्यादा आराम करना चाहिए। उन्हें बहुत देर तक खड़े होकर कोई भी काम नहीं करना चाहिए। सोते समय आप अपने बिस्तर को इस प्रकार रखें की  आपके पैर थोड़े ऊपर की तरफ हो और हो सके तो कुर्सी पर बैठकर थोड़ा मांसपेशियों के खिंचाव वाला व्यायाम जरूर करें।

Wednesday, August 9, 2017

आँख आने पर उपयोग करें इन्हें conjunctivitis in eyes


 आपकी आंखों में गर्मी अधिक लगती है तो आपके आंखों में रोग हो सकता है. गर्मी की अधिकता शरीर में पौष्टिक पदार्थों की कमी आदि की वजह से आपकी आंखें आ जाती हैं.  संक्रमण का हो जाता है अगर आपको भी आंख आने की परेशानी हो तो आपको निम्न उपचार अपनाने चाहिए।
 काली म्यूर3x- आंखों में सफेद या हरे पीले रंग का रिसाव हो ऐसा लगे की आंखों में रेत भरा हुआ है तो पुतली  में दर्द हो तो इस दवाई को अपनाना चाहिए।

कैल्केरिया सल्फ6x- आंखों में जलन, आंखों से पीले रंग का रिसाव होन आंखों में जख्म होना तो यह दवाई प्रयोग करनी चाहिए।

 नेट्रम मयूर 6x-आंखों से पानी जैसा बहाव होता है और यह बहाव  जहां त्वचा पर लगता है वहां सफेद दाग हो जाते हो, आंसू लगातार गिरते  हो, कनिका पर सफेद दाने हो तो आपको यह दवाई खानी चाहिए।

 फेरम फास 6x-आंखों में जलन, दर्द, लाल पड़ना, पुतली  में दर्द होने पर इस दवाई का प्रयोग करना चाहिए।

 काली फास 6x- आंखों में खिंचाव, धुंधलापन, आंखों के सामने काले धब्बे दिखाई देने पर दवाई खानी चाहिए।

कैलकेरिया फास6x-12x -पलकों में जकड़न, पुतली का फेल जाना, एक से दो दिखाई देना, और तेज रोशनी सहन ना होने पर आपको यह दवाई खानी चाहिए।

 ध्यान रखने योग्य बातें
आंखों को साफ पानी से दिन में कई बार धोना चाहिए। धुप में  हमेशा चश्मा लगा कर रहे आंखों को धूल मिटटी  आदि से बचाएं।

Tuesday, August 8, 2017

जब हो चक्कर (chakkar) आने की बीमारी vertigo


दिल के रोग रक्तचाप की समस्या पेट की पुरानी बीमारियां डायबिटीज पौष्टिक तत्वों की कमी और अधिक दूध पिलाता में रहने की वजह से आपको चक्कर आने जैसी बीमारी हो सकती है. इसमें आपको आसपास की हर चीज घूमते हुए नजर आती हैं. अगर आपको क्या परेशानी है तो आपको निम्न औषधियां अपनाने चाहिए।

 काली फास6x- ज्यादा काम करने की वजह से, शरीर में खून की कमी से, धुप में खड़े होने पर और ऊपर की ओर देखने के कारण आप को चक्कर आते हैं. तो आपको यह दवाई अपनाना चाहिए।

 काली सल्फ6x-  किसी प्रकार को एकटक देखने या गर्म कमरे में रहने के कारण चक्कर आते हैं तो आपको यह दवाई खानी चाहिए।

नेट्रम सल्फ6x-आपके शरीर में की परेशानी हो मुंह का स्वाद कड़वा हो जिस पर कोई पीला पदार्थ जम जाता हो, आपको हमेशा यह महसूस होता हूं कि आप गिरने वाले हैं मुंह में बार बार पानी भर आता हो इन लक्षण के लिए आपको यह दवाई खानी चाहिए।

 मैग्नीशिया फास6x- आंखों के रोगों की वजह से आपको चक्कर आते हो तो आपको यह दवाई खानी चाहिए।

 ध्यान रखने योग्य बातें

आप नींद हमेशा पूरी ले गर्म प्रकृति के पदार्थों को ज्यादा न खाएं पानी पर्याप्त मात्रा में भी कभी भी खाली पेट ना रहे ऊंची छत आदि ऐसी जगहों पर तब तक ना जाए जब तक कि आप पूर्ण रुप से ठीक नहीं हो जाते।

Monday, August 7, 2017

जब हो नींद न आने की परेशानी तो... insomnia


काली फास6x- किसी भी प्रकार के मानसिक परेशानी चिंता आदि की वजह से नींद नहीं आती कई बार ऐसा होता है कि आपको जमाई तो आती है फिर भी आप सो नहीं पाते। आपको अगर आग लग नहीं गिरने भूत प्रेत की डरावनी व भयानक सपने आने की वजह से नींद नहीं आती हो तो आपको यह दवाई खाना चाहिए।

 मैग्नेशिया फास6x- जब जभाई की अधिकता हो और आप सो नहीं पा रहे हो तो यह दवाई खानी चाहिए।

 नेट्र्म फास 6x-  पाचन क्रिया की गड़बड़ी और एसिडिटी के कारण नींद ना आने पर यह दवाई खानी चाहिए।

फेरम फास 6x- दिमाग में खून की अधिकता से अनिद्रा दोपहर के समय सुस्ती और बेचैनी वाली सपने आते हो तो यह दवाई खानी चाहिए।

ध्यान दे.....
 आप रोज व्यायाम अवश्य करें पौष्टिक खाना खाएं हमेशा ठंडे पानी से रहा है अगर आप चाहते हैं कि रात को अच्छी नींद आए तो इसके लिए आप दिन में ना सोए.

Sunday, August 6, 2017

आपको जब हो माइग्रेन का दर्द तो आजमाएं इसे

माइग्रेन का दर्द होने पर आपको इन बायोकेमिक दवाइयों का उपयोग करना चाहिए। यह दवाई आपको लाभ दिलाएगी।

 काली फास६x -  अगर आपको माइग्रेन का दर्द स्नायिक  दुर्बलता की वजह से हो रहा हो तो आपको काली फास दवाई का सेवन करना चाहिए।
 नेट्रम मयूर3x  - यह माइग्रेन के हर प्रकार के दर्द में लाभ देती है.
 कलकेरिया फास 6x - शरीर में रस रक्त की कमी वाले और कमजोर व्यक्तियों के दर्द में यह लाभ देती है रोगी का यह दर्द पूर्णिमा और अमावस्या को बहुत अधिक बढ़ जाता है
साइलीशिया6x - दाहिनी और का सिर दर्द जो रात को बढ़ जाता है उसमें यह दवाई खानी चाहिए।
 फेरम फास 6x - प्रदाह के कारण सिरदर्द जिसमें माथे पर ठंडी पटटी रखने से आराम होता है उसमें यह दवाई खानी चाहिए।

इन बातो से करे परहेज-  माइग्रेन के दर्द के समय आपको बहुत ठंड तेज आवाज दूर हुए भरे वातावरण से दूर रहना चाहिए पोस्टिक  पदार्थों को खाना चाहिए और पानी भी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए।