जौ मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत ही लाभकारी होती है. इसको खाने से उनके शरीर में शर्करा का स्तर नहीं पढ़ पाता. जिनके शरीर में चर्बी बढ़ गई है या फिर मोटापा बढ़ गया है उन्हें गेहू की रोटी के स्थान पर जौ की रोटी खानी चाहिए. इस रोटी को अगर आप चौलाई की भाजी के साथ खाते हैं तो आपके शरीर से धीरे-धीरे मोटापा घटने लगता है. जिन लोगों को बेचैनी और घबराहट होने की बीमारी होती है उन्हें भी जौ की रोटी खानी चाहिए. इसे अगर आप मूंग की दाल के साथ खाते हैं तो यह आपके अंदर घबराहट और बेचैनी की बीमारी को दूर करता है, और यह आपके शरीर को फुर्तीला बनाता है. विद्यार्थियों को जौ की रोटी बहुत ही लाभकारी होती है. जिन लोगों को खांसी स्वास्थ और कब संबंधी परेशानी होती है उनके लिए भी जो बहुत ही लाभकारी होती है.
आप चाहे तो इस निम्न उपाय को अपना कर अपने शरीर से किसी भी प्रकार का दर्द, शरीर में वात का प्रकोप, कफ संबंधित परेशानी, स्वास रोग, कंठ रोग, पांडु रोग और संग्रहणी रोग, पेट में वायु का गोला उठना, हमेशा पेट भरा रहना, प्लीहा में वृद्धि और हृदय रोग को नष्ट करता है.
इसके लिए आपको जौ के पौधों को जलाकर उनकी राख बना लें. फिर उस राख को १०० गुना पानी में रात को भिगोकर रख दीजिए. फिर उस पानी को सावधानी से निथार कर कपड़े से छानकर कलई वाली कढ़ाई में उबाल लीजिए. अब आपका जवाखार पानी तैयार है. इससे आप सुबह के समय रोज पीजिये. लाभ होगा.
आप चाहे तो इस निम्न उपाय को अपना कर अपने शरीर से किसी भी प्रकार का दर्द, शरीर में वात का प्रकोप, कफ संबंधित परेशानी, स्वास रोग, कंठ रोग, पांडु रोग और संग्रहणी रोग, पेट में वायु का गोला उठना, हमेशा पेट भरा रहना, प्लीहा में वृद्धि और हृदय रोग को नष्ट करता है.
इसके लिए आपको जौ के पौधों को जलाकर उनकी राख बना लें. फिर उस राख को १०० गुना पानी में रात को भिगोकर रख दीजिए. फिर उस पानी को सावधानी से निथार कर कपड़े से छानकर कलई वाली कढ़ाई में उबाल लीजिए. अब आपका जवाखार पानी तैयार है. इससे आप सुबह के समय रोज पीजिये. लाभ होगा.
No comments:
Post a Comment