Monday, August 21, 2017

पानी से गीली ऐसी तौलिया से कम कर सकते है आप अपना वजन

सिर्फ एक तौलिया भी वजन काम कर सकता हैं यह जानकार आपको आश्चर्य जरूर होगा. आज हम आपको इस आलेख में यही बताने जा रहे हैं की आप कैसे अपना वजन आसानी से काम कर सकते हैं. कई लोगों का मानना हैं की अगर आप थोड़े हेल्थी हैं पर आपको कोई बीमारी नहीं हैं. आप अपना काम आराम से करते हैं तो भी मोटापे की श्रेणी में नहीं आते. लेकिनआजकल जीरो फिगर के चक्कर में ना जाने कितने लोग बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. क्योंकि वह अपने खान-पान पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देतें। अगर आप खाएंगे नहीं तो स्वाभाविक है कि आप बीमार होंगे। फिर आपका वजन बढ़े या कम हो आपको बिस्तर पकड़ना ही पड़ता है. आज हम आपको ऐसा उपाय बताने जा रहे हैं. जिसे अपनाकर आप अपने वजन को आसानी से कम कर सकते हैं. यह उपाय वो ही अपनाये जो वाकई में मोटे हों.

- यह उपाय बिलकुल आसान है. अगर आप रात को सोते समय अपने पेट पर गीला तौलिया रखकर सोते हैं. तो यह आपके पेट की चर्बी को कम करता है गीले तौलिए को पेट पर रखने की वजह से यह आपके पाचनतंत्र सुदृण करता है. यह आपके पेट से सफेद चर्बी की सेल्स को तोड़ कर उन्हें ब्राउन सेल्स में बदलने का काम करता है. आपको इसके लिए करना कुछ नहीं हैं. सिर्फ नॉर्मल पानी में मोटे तोलिए को भिगोकर पेट पर रखना है. सुबह होते ही इस तोलिये अपने पेट से हटा देना है. यह उपाय कुछ समय तक करने से आपको जरूर लाभ मिलेगा।

- इसके अलावा अगर आप अपने पेट पर काली मिट्टी का लेप करते हैं. तो भी यह आपके शरीर से चर्बी को कम करता है.

- रात को त्रिफला पाउडर को भिगोकर हलके गुनगुने पानी से पीकर भी आप वजन काम कर सकते हैं.

इन सब उपायों के अलावा अगर आप अपने खानपान पर ध्यान देते हैं और नियमित एक्सरसाइज या योगा करते हैं. तो आपका वजन आपके कंट्रोल में रहता है अपने शरीर के लिए दिया गया थोड़ा सा समय आपको सेहतमंद बना सकता है.

गर्भपात को रोकने में मदद करता है यह अनाज

जौ एक ऐसा अनाज है जो कि आपके स्वास्थ्य से जुड़े हुए समस्याओं में लाभ देता है. जौ स्वाधीन होता है. यह गेहूं की अपेक्षा पचने में भारी होता है. ज्यादा मात्रा में खाने पर आपको पेट में वायु बनने की परेशानी हो सकती है. अगर किसी को खांसी, सर दर्द, सीने में दर्द ,मसूड़ों की सूजन, आदि बीमारी होती है, तो उनको जौ को खाना चाहिए. वैज्ञानिकों का मानना है कि जो व्यक्ति बीमार रहते हैं. उनको अनाज के रूप में जौ खाना चाहिए. इसमें लैक्टिक एसिड, सैलिसिलिक एसिड, फास्फोरिक एसिड, पोटेशियम, कैल्शियम पाया जाता है.

किसी भी स्त्री का अगर बार बार गर्भपात हो जाता है तो उसको जौ के आटे में शक्कर को बराबर की मात्रा में मिलाकर खाना चाहिए. ऐसा करने से गर्भपात की समस्या से आराम मिलता है. इसके अलावा आप जौ तिल और शक्कर को समान मात्रा में लेकर इसका चूर्ण बना लें. इस चूर्ण को शहद के साथ खाने से आपको गर्भपात होने का डर नहीं रहता.

जिन लोगों को रक्त वात की परेशानी होती है उन्हें जौ के सके हुए आटे और मुलेठी को धोये हुए घी में मिलाकर लेप लगाने से रक्त वात की परेशानी दूर होती है. जिनको अतिसार की बीमारी है और आंतो में तेज जलन होती है. उनको जौ और मुंग का पसावन(माड़) बना कर पीना चाहिए. आराम मिलेगा.

चावल से ज्यादा पौष्टिक होती है खिचड़ी

चावल एक ऐसा अनाज है जिसे हर व्यक्ति खाना पसंद करता है आज हम आपको चावलों के कुछ स्वास्थ्य लाभ बताने जा रहे हैं जिन्हें जानकर आपको आश्चर्य होगा चावल आपकी कई बीमारियों से निजात दिलाने में मदद करते हैं. जो लोग बीमार होते हैं उन्हें अधिकतर चावल खाने की सलाह दी जाती है. क्योंकि चावल बहुत थी हल्के होते हैं. मरीजों को चावल की खिचड़ी इसलिए दी जाती है ताकि उसे आसानी से पचाया जा सके.

जिन व्यक्तियों को पाचन संबंधी बीमारी होती है उन्हें चावल की महेरी खानी चाहिए. यह चावल मट्ठे(छाछ) में उबालकर पकाए जाते हैं जिन्हें महेरी कहा जाता है. यह पचने में आसान होते है. दूध के साथ अगर आप चावल का चिउड़ा खाते हैं तो यह पुष्टिकारक होता है. आपके शरीर को बल प्रदान करता है, और अगर आपको कब्ज से संबंधित परेशानी हो तो भी उसमें यह लाभ देता है. चावल आप खिचड़ी के रूप में उनको खाते हैं, तो आपको ज्यादा लाभ मिलता है. दाल के साथ चावल खाने से उसका वायु कारक गुण कम हो जाता है, और यह पौष्टिक गुण को बढ़ा देता है. चावल के मांड में शहद मिलाकर पीने से तृषा रोग मिट जाता है. चावल के मुरमुरे और मिश्री को उबाल कर रख लें. इस काढ़े को बार बार पीने से शरीर की गर्मी शांत होती है. चावल का माड़ पीने से भांग का नशा भी उतर जाता है.

जवाखार के पानी का यह उपाय अपनाएं

जौ मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत ही लाभकारी होती है. इसको खाने से उनके शरीर में शर्करा का स्तर नहीं पढ़ पाता. जिनके शरीर में चर्बी बढ़ गई है या फिर मोटापा बढ़ गया है उन्हें गेहू की रोटी के स्थान पर जौ की रोटी खानी चाहिए. इस रोटी को अगर आप चौलाई की भाजी के साथ खाते हैं तो आपके शरीर से धीरे-धीरे मोटापा घटने लगता है. जिन लोगों को बेचैनी और घबराहट होने की बीमारी होती है उन्हें भी जौ की रोटी खानी चाहिए. इसे अगर आप मूंग की दाल के साथ खाते हैं तो यह आपके अंदर घबराहट और बेचैनी की बीमारी को दूर करता है, और यह आपके शरीर को फुर्तीला बनाता है. विद्यार्थियों को जौ की रोटी बहुत ही लाभकारी होती है. जिन लोगों को खांसी स्वास्थ और कब संबंधी परेशानी होती है उनके लिए भी जो बहुत ही लाभकारी होती है.

आप चाहे तो इस निम्न उपाय को अपना कर अपने शरीर से किसी भी प्रकार का दर्द, शरीर में वात का प्रकोप, कफ संबंधित परेशानी, स्वास रोग, कंठ रोग, पांडु रोग और संग्रहणी रोग, पेट में वायु का गोला उठना, हमेशा पेट भरा रहना, प्लीहा में वृद्धि और हृदय रोग को नष्ट करता है.

इसके लिए आपको जौ के पौधों को जलाकर उनकी राख बना लें. फिर उस राख को १०० गुना पानी में रात को भिगोकर रख दीजिए. फिर उस पानी को सावधानी से निथार कर कपड़े से छानकर कलई वाली कढ़ाई में उबाल लीजिए. अब आपका जवाखार पानी तैयार है. इससे आप सुबह के समय रोज पीजिये. लाभ होगा.

त्वचा को सुंदर बनाने के लिए अपनाये वर्षा का पानी

प्रकृति आपको इतने सुंदर और अनमोल उपहार देती है कि आप उन्हें अपना कर लाभ ले सकते हैं. लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि हमें उन चीजों की जानकारी ही नहीं होती. जो हमारे लिए लाभकारी है. अब आप बारिश का पानी ही ले लीजिए. आपको यह जानकर बहुत ही आश्चर्य होगा की बारिश का पानी आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है. यह आपकी त्वचा पर चमक देता है. मुहासे दूर करता है. इसके अलावा भी बारिश के पानी के ऐसे कई चिकित्सीय लाभ होते हैं. जिनसे आप लोग अभी तक अनभिज्ञ हैं. आज हम आपको बारिश के पानी के कुछ ऐसे ही बेहतरीन उपाय बताने जा रहे हैं. जो आपको अवश्य ही लाभ देंगे. वैसे भी अवि बारिश का मौसम तो चल ही रहा है. तो इन्हे आजमाकर देखे.

जब सावन के महीने में बारिश शुरू होती है तो शुरुआत की ४-5 बारिश के पानी को छोड़कर अगर आप उसके बाद के बारिश का पानी से अपना चेहरा धोते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही लाभकारी होता है. इसका असर देखने के लिए आप किसी भी बर्तन में बरसात के पानी को इकट्ठा कर ले. फिर इस पानी को किसी बोतल में भरकर रख दें, और आप जब इस पानी से अपना मुंह धोयेंगे तो यह आपकी त्वचा को बहुत ही मुलायम और सुंदर बना देगा. आप चाहते हैं कि आपके चहरे पर ग्लो नजर आए तो आप मुल्तानी मिट्टी को बारिश के पानी में रात भर भिगोकर रख दें. फिर इस मिट्टी को 10 से 15 मिनट तक अपने चेहरे पर लगाएं. यह उपाय जहां आपको मुहांसों से मुक्ति दिलाता है. वहीं कुछ ही दिनों में आपकी त्वचा पर ग्लो भी नजर आने लगता है.

गेहूं से हो जाए आप निरोगी

गेहूं सबसे ज्यादा भारत में उगाया जाता है. दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा गेहूं खाया जाता है. हर घर में गेहूं की रोटी बनती है. आज हम आपको गेहूं के स्वास्थ्य लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं. गेहूं खाने से आपके शरीर में रंगत आती है. यह आपके खाने में रूचि बढ़ाता है. यह कफ को दूर करने वाला होता है. जिन लोगों को जोड़ों में दर्द की परेशानी होती है. उनके लिए भी यह बहुत ही लाभकारी होता है. गेहूं खाने से आपका पाचन तंत्र भी अच्छा रहता है. यह शीतल और मधुर प्रकृति का होता है. यह आपके शरीर से वात और कफ से संबंधित परेशानी को दूर करता है.

आप गेहूं की रोटी नियमित रूप से खाते हैं. तो आपके शरीर को यह बल प्रदान करती है. आपके शरीर से वायु का नाश करती है. जुखाम सर्दी खांसी या फिर सांस संबंधी बीमारी होने पर आपको गेहूं की गरम गरम रोटी खाना चाहिए. आप गेहू के अलावा इस के ज्वारे का भी प्रयोग कर सकते हैं. यह आपको पित्त और वायु से सम्बंधित रोगों में आराम देता है. यह आपके गर्भ स्त्राव को भी रोकता है.

गर्मी की वजह से जो शरीर में कब्ज़ हो जाती है उसको भी दूर करता है. जिसके शरीर में गर्मी के कारण वजन बढ़ जाता है या कम हो जाता है उसमें भी जवारे लाभ देता है. अगर आपको कोई बीमारी हो गई है और वह पूर्ण रुप से ठीक हो गई है और उसके बाद आप गेहूं के जवारों का रस पीते हैं तो आपका शरीर बहुत जल्दी पहले की स्थिति में लौट आता है. नाक से खून गिरने की स्थिति में आपको गेहूं के आटे में शक्कर और दूध मिलाकर पीना चाहिए. ऐसा करने से आपके नाक से खून गिरना बंद हो जाता है.

आपके सोने में किया गया यह बदलाव, देता है स्वास्थ्य लाभ


रात के समय जब हम सो जाते हैं तो हमें खुद ही पता नहीं रहता कि हम किस करवट सो रहे हैं. अधिकतर देखा होगा की व्यक्ति को जिस स्थिति में आराम मिलता है वो उस स्थिति में सो जाता है. छाए वो दाए करवट हो, बाए करवट हो, बिलकुल सीधा या फिर पेट के बल सोना हो. पर आपको यह जानकार आश्चर्य होगा की जब आप आपने सोने के तरीके में यह एक चीज को जोड़ लेते है तो आप आपने स्वास्थ्य रहने की प्रक्रिया में एक कदम और बड़ा देते है. आपके सोने में किया गया यह छोटा सा बदलाव आपको और परिवार को स्वस्थ सम्बन्धी बड़ा लाभ देता है.
वैज्ञानिको की माने तो अगर आप रात में बाए करवट सोते है तो आपकी पेट संबंधी सारी परेशानिया धीरे- धीरे दूर होने लगती है. जैसे की पेट में गैस बनना, पेट का फूलना, एसिडिटी की परेशानी आदि. डॉक्टरों के अनुसार बाएं ओर करवट लेकर सोने से शरीर में जमा होने वाली गंदगी जिसे टॉक्सिन कहते है.  धीरे-धीरे लसिका तंत्र द्वारा निकल जाते हैं, क्योंकि बाई ओर सोने से हमारे लीवर पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं पड़ता, इसलिए यह टॉक्सिन शरीर से बाह निकलने में सफल हो जाते हैं। जिससे आप कई बीमारियों से बच जाते है. बाएं ओर सोने के कारण ग्रेविटी, भोजन को छोटी आंत से बड़ी आंत तक आराम से पहुंचाने में मदद करती है। जिसके कारण आपका सुबह आपका पेट आसानी से साफ हो जाता है.
हम और आप जानते है की नींद में हमें ध्यान नहीं रहता की हम किस और सो रहे है. लेकिन आप जब भी सोये बाए करवट सोये और जब भी आपकी नींद खुले और आपकी करवट बदल गई होइ तो  आप अपनी करवट को बदलकर फिर से बाए करवट सो जाए. बच्चो को भी ऐसी करवट सुलाने की आदत डाले.

यह उपाय आपके और परिवार के लिए है फायदेमंद

आज हम आपको निरोगी रखने के कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे है जिसे अपनाकर आप और आपका परिवार स्वस्थ्य रह सकता है. आप भी इन छोटी बातो का ध्यान रखोगे तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा. क्युकी आपके जीवनशैली में किया गया बदलाव आपको और परिवार को स्वस्थ्य रख सकता है.

नाक को किसी भी प्रकार से रोग को दूर रखने के लिये हमेशा नाक में सरसों या तिल आदि तेल की बूँदें डालनी चाहिए. यह उपाय आपको लाभ देता है. आपके शरीर में कफ, पित्त और वात बढ़ता हो तो आपको शाम के समय अपनी नाक में तेल की कुछ बुँदे डालनी चाहिए. ऐसा करने से आपके मुँह से बदबू आने की परेशानी, झुर्रियों की परेशानी मिलती है इसके साथ ही आपके बाल भी जल्दी सफ़ेद नहीं होते. चहरे पर फुंसिया नहीं आती.

आप नियम पूर्वक अपने कानो में तेल डालते है तो आपको बहरेपन की परेशानी नहीं होती. आपको एक बात ध्यान रखना है की कान में तेल डालते यह ध्यान रखे की आपको यह काम खाना खाने से पहले करना है. जो व्यक्ति सोते समय बिजौरे के पत्तों का चूर्ण शहद के साथ चाटता है वो रात में आराम से सोता है. वह खर्राटे नहीं लेता. जो लोग रोज सूर्योदय से पूर्व, रात का रखा हुआ आधा से सवा लीटर पानी पीने का नियम का पालन करता है तो वह निरोगी रहता है.

Saturday, August 19, 2017

दाल और सब्जी बनाते समय डाले यह एक चीज़, परिवार रहेगा स्वस्थ

हर घर में खाना बनता है. दाल भी बनती है और सब्जी भी. अब आप  सोच रहे होंगे की इसमें मेने क्या नया बता दिया। घर है तो खाना बनेगा ही. पर आज हम आपको बताने जा रहे ही की दाल या सब्जी बनाते समय अगर आप इस एक चीज़ को उसमे डाल देते है तो आपकी श्वाश की बीमारी, दमा, खांसी,चक्कर आना, हायपर एसिडिटी और शरीर को बल प्रदान करने में सहायक होती है यह गुणकारी चीज़.
आपको करना बस इतना है की जब भी दाल या सब्जी बनाये तो उसमे दो आंवले साथ में उबाल दे. ऐसा करने से आपकी सब्जी और दाल का स्वाद बढ़ेगा. उसके बाद उन्ही आंवले को बहार निकाल कर उनमे बीज निकले हुए मुनक्के और इनमे 1 ग्राम सौंठ चूर्ण मिलाकर इन सबको अच्छे से मसल कर चटनी कर लें. इस मिश्रण को दिन में एक बार खाने के 1 घंटे बाद एक चम्मच शहद के साथ चाट ले. ऐसा नियमित कुछ समय तक करने से आपको लाभ मिलेगा.
यह उपाय हर उम्र के लोगो के लिए है. जिन लोगो ऊपर दी गई परेशानिया है उनको यह नुस्खा अवश्य अपनाना चाहिए.

Monday, August 14, 2017

गर्भावस्था के दौरान होने वाली सामान्य तकलीफें और समाधान पार्ट -3


प्रेगनेंसी के समय मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या
Pregnancy problam & Soultion 

प्रेगनेंसी के समय महिलाओं को शरीर की मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या होने लगती है. यह परेशानी पैरों में अधिकतर होती है. क्योंकि वजन बढ़ने की वजह से आपके शरीर का भार पैरों पर अधिक हो जाता है. इस परेशानी का कारण शरीर में कैल्शियम विटामिन तथा लवणों की कमी है.

समाधान

 इस परेशानी से निपटने के लिए स्त्रियों को अपने खाने में ऐसे खाद्य पदार्थों की मात्रा लेनी चाहिए जिसमें कैल्शियम विटामिन भारी मात्रा में हो. आप दूध से बने हुए पदार्थ, या दूध,  हरी पत्तेदार सब्जियां, सलाद और दालों का अधिक मात्रा में उपयोग कर सकते हैं. अगर आपके शरीर में मांसपेशियों की ऐंठन ज्यादा है तो आपको नींबू पानी का सेवन करना चाहिए। इस पानी में नमक डालकर पी सकते हैं. अगर आप ब्लड प्रेशर के मरीज है तो आपको नमक नहीं खाना चाहिए। ऐठन की समस्या होने पर आपको हल्का- हल्का व्यायाम भी करना चाहिए। आप अपने पैरों और घुटनों के जोड़ को कई बार मोड़ने का प्रयास करना चाहिए। इसके अलावा आप एड़ियों  के बल चल सकते हैं. पंजों के बल चल सकते हैं. ऐठन की  परेशानी होने पर थोड़ा टहलना भी लाभकारी होता है.

Thursday, August 10, 2017

गर्भावस्था के दौरान होने वाली सामान्य तकलीफें और समाधान पार्ट -2

गर्भावस्था  के दौरान बवासीर की परेशानी
 pregnancy problam & Soultion 

गर्भ धारण के समय स्त्रियों को कई प्रकार की सामान्य तकलीफों और परेशानियों से गुजरना पड़ता है आज हम आपको इन्हीं के बारे में बताने जा रहे हैं. यह सामान्य तकलीफें और परेशानियों को आप किस प्रकार से निजात पा सकते हैं. उसके बारे में जानकारी देंगे। यह एक कड़ी के रुप में कई चरणों में प्रस्तुत की जाएगी।

गर्भावस्था  के दौरान कई स्त्रियों को बवासीर की भी परेशानी हो जाती है. क्योंकि आपके शरीर में बच्चे के वजन के बढ़ने के कारण आपके मलद्वार दबाव पड़ना शुरू हो जाता है. जब आपके बच्चे दानी का वजन बढ़ता है तो आपके मल द्वार के पास जो नसे होती है  होती हैं वह फेल कर मोटी हो जाती है. जिसकी वजह से आपको मल त्याग करने में परेशानी होती है. गर्भावस्था के दौरान बच्चे के सिर का दबाव रक्त की धमनियों पर पड़ता है जिसके कारण स्त्री बवासीर से पीड़ित हो जाती है. बच्चेदानी के दबाव के कारण बवासीर भी  शिकायत हो जाती है

समाधान

गर्भ धारण के बाद अगर आपको बवासीर की परेशानी हो जाती है. तो आपको सबसे पहले अपने खाने पर ध्यान देना चाहिए। उसके बाद आपको अपने मलद्वार को हल्के गुनगुने पानी से धोकर वहां पर मल्हम लगाना चाहिए। बवासीर से जो लोग परेशान होते हैं उन्हें ज्यादा देर तक मल त्याग करने के लिए नहीं बैठना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान कभी भी ऑपरेशन या इंजेक्शन की सहायता से बवासीर का इलाज नहीं करवाना चाहिए। यह मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक होता है. गर्भावस्था के बाद बवासीर खुद ही सही हो जाती है.

गर्भावस्था के दौरान होने वाली सामान्य तकलीफें और समाधान पार्ट -1


गर्भ धारण के समय नसों में जकड़न की परेशानी
pregnancy problam & Soultion

गर्भ धारण के समय स्त्रियों को कई प्रकार की सामान्य तकलीफों और परेशानियों से गुजरना पड़ता है आज हम आपको इन्हीं के बारे में बताने जा रहे हैं. यह सामान्य तकलीफें और परेशानियों को आप किस प्रकार से निजात पा सकते हैं. उसके बारे में जानकारी देंगे। यह एक कड़ी के रुप में कई चरणों में प्रस्तुत की जाएगी।

- सबसे पहले हम बात करते हैं वेरीकोज वेन की- गर्भावस्था से पहले या फिर कभी-कभी गर्भावस्था के बाद में स्त्रियों के शरीर पर नीले रंग की बड़ी-बड़ी नसे दिखाई पढ़ती हैं जिन्हें वैरिकोस कहा जाता है.
- स्त्रियों को स्तनों के निप्पल, योनि का बाहरी भाग, मलद्वार की त्वचा आदि का रंग  गहरा होने लगता है. इससे घबराये नहीं.
- किसी किसी को गालों और माथे  के बीच के हिस्से की त्वचा पर काले दाग और झाइयां दिखाई देने लगती हैं.
 - गर्भावस्था में नाभि के नीचे एक काले रंग की लकीर दिखाई पड़ने लगती है.
-हारमोनस के बदलाव के कारण गर्भवती स्त्री के शरीर में कई प्रकार के निशान आ जाते हैं. जिनकी वजह आपके शरीर में कई प्रकार के रसायनों का स्राव होता है जो आपकी गर्भावस्था के लिए जरूरी होते हैं. गर्भावस्था में आपके शरीर में रक्त का बहाव  सही तरीके से नहीं होने की वजह से आपके शरीर में बड़ी-बड़ी नशे उभरती हुई  दिखाई देती हैं.

सलाह
 आपको भी ऊपर दी गई परेशानी हो तो ऐसी स्त्री को गर्भ अवस्था के दौरान ज्यादा आराम करना चाहिए। उन्हें बहुत देर तक खड़े होकर कोई भी काम नहीं करना चाहिए। सोते समय आप अपने बिस्तर को इस प्रकार रखें की  आपके पैर थोड़े ऊपर की तरफ हो और हो सके तो कुर्सी पर बैठकर थोड़ा मांसपेशियों के खिंचाव वाला व्यायाम जरूर करें।

Wednesday, August 9, 2017

आँख आने पर उपयोग करें इन्हें conjunctivitis in eyes


 आपकी आंखों में गर्मी अधिक लगती है तो आपके आंखों में रोग हो सकता है. गर्मी की अधिकता शरीर में पौष्टिक पदार्थों की कमी आदि की वजह से आपकी आंखें आ जाती हैं.  संक्रमण का हो जाता है अगर आपको भी आंख आने की परेशानी हो तो आपको निम्न उपचार अपनाने चाहिए।
 काली म्यूर3x- आंखों में सफेद या हरे पीले रंग का रिसाव हो ऐसा लगे की आंखों में रेत भरा हुआ है तो पुतली  में दर्द हो तो इस दवाई को अपनाना चाहिए।

कैल्केरिया सल्फ6x- आंखों में जलन, आंखों से पीले रंग का रिसाव होन आंखों में जख्म होना तो यह दवाई प्रयोग करनी चाहिए।

 नेट्रम मयूर 6x-आंखों से पानी जैसा बहाव होता है और यह बहाव  जहां त्वचा पर लगता है वहां सफेद दाग हो जाते हो, आंसू लगातार गिरते  हो, कनिका पर सफेद दाने हो तो आपको यह दवाई खानी चाहिए।

 फेरम फास 6x-आंखों में जलन, दर्द, लाल पड़ना, पुतली  में दर्द होने पर इस दवाई का प्रयोग करना चाहिए।

 काली फास 6x- आंखों में खिंचाव, धुंधलापन, आंखों के सामने काले धब्बे दिखाई देने पर दवाई खानी चाहिए।

कैलकेरिया फास6x-12x -पलकों में जकड़न, पुतली का फेल जाना, एक से दो दिखाई देना, और तेज रोशनी सहन ना होने पर आपको यह दवाई खानी चाहिए।

 ध्यान रखने योग्य बातें
आंखों को साफ पानी से दिन में कई बार धोना चाहिए। धुप में  हमेशा चश्मा लगा कर रहे आंखों को धूल मिटटी  आदि से बचाएं।

Tuesday, August 8, 2017

जब हो चक्कर (chakkar) आने की बीमारी vertigo


दिल के रोग रक्तचाप की समस्या पेट की पुरानी बीमारियां डायबिटीज पौष्टिक तत्वों की कमी और अधिक दूध पिलाता में रहने की वजह से आपको चक्कर आने जैसी बीमारी हो सकती है. इसमें आपको आसपास की हर चीज घूमते हुए नजर आती हैं. अगर आपको क्या परेशानी है तो आपको निम्न औषधियां अपनाने चाहिए।

 काली फास6x- ज्यादा काम करने की वजह से, शरीर में खून की कमी से, धुप में खड़े होने पर और ऊपर की ओर देखने के कारण आप को चक्कर आते हैं. तो आपको यह दवाई अपनाना चाहिए।

 काली सल्फ6x-  किसी प्रकार को एकटक देखने या गर्म कमरे में रहने के कारण चक्कर आते हैं तो आपको यह दवाई खानी चाहिए।

नेट्रम सल्फ6x-आपके शरीर में की परेशानी हो मुंह का स्वाद कड़वा हो जिस पर कोई पीला पदार्थ जम जाता हो, आपको हमेशा यह महसूस होता हूं कि आप गिरने वाले हैं मुंह में बार बार पानी भर आता हो इन लक्षण के लिए आपको यह दवाई खानी चाहिए।

 मैग्नीशिया फास6x- आंखों के रोगों की वजह से आपको चक्कर आते हो तो आपको यह दवाई खानी चाहिए।

 ध्यान रखने योग्य बातें

आप नींद हमेशा पूरी ले गर्म प्रकृति के पदार्थों को ज्यादा न खाएं पानी पर्याप्त मात्रा में भी कभी भी खाली पेट ना रहे ऊंची छत आदि ऐसी जगहों पर तब तक ना जाए जब तक कि आप पूर्ण रुप से ठीक नहीं हो जाते।

Monday, August 7, 2017

जब हो नींद न आने की परेशानी तो... insomnia


काली फास6x- किसी भी प्रकार के मानसिक परेशानी चिंता आदि की वजह से नींद नहीं आती कई बार ऐसा होता है कि आपको जमाई तो आती है फिर भी आप सो नहीं पाते। आपको अगर आग लग नहीं गिरने भूत प्रेत की डरावनी व भयानक सपने आने की वजह से नींद नहीं आती हो तो आपको यह दवाई खाना चाहिए।

 मैग्नेशिया फास6x- जब जभाई की अधिकता हो और आप सो नहीं पा रहे हो तो यह दवाई खानी चाहिए।

 नेट्र्म फास 6x-  पाचन क्रिया की गड़बड़ी और एसिडिटी के कारण नींद ना आने पर यह दवाई खानी चाहिए।

फेरम फास 6x- दिमाग में खून की अधिकता से अनिद्रा दोपहर के समय सुस्ती और बेचैनी वाली सपने आते हो तो यह दवाई खानी चाहिए।

ध्यान दे.....
 आप रोज व्यायाम अवश्य करें पौष्टिक खाना खाएं हमेशा ठंडे पानी से रहा है अगर आप चाहते हैं कि रात को अच्छी नींद आए तो इसके लिए आप दिन में ना सोए.

Sunday, August 6, 2017

आपको जब हो माइग्रेन का दर्द तो आजमाएं इसे

माइग्रेन का दर्द होने पर आपको इन बायोकेमिक दवाइयों का उपयोग करना चाहिए। यह दवाई आपको लाभ दिलाएगी।

 काली फास६x -  अगर आपको माइग्रेन का दर्द स्नायिक  दुर्बलता की वजह से हो रहा हो तो आपको काली फास दवाई का सेवन करना चाहिए।
 नेट्रम मयूर3x  - यह माइग्रेन के हर प्रकार के दर्द में लाभ देती है.
 कलकेरिया फास 6x - शरीर में रस रक्त की कमी वाले और कमजोर व्यक्तियों के दर्द में यह लाभ देती है रोगी का यह दर्द पूर्णिमा और अमावस्या को बहुत अधिक बढ़ जाता है
साइलीशिया6x - दाहिनी और का सिर दर्द जो रात को बढ़ जाता है उसमें यह दवाई खानी चाहिए।
 फेरम फास 6x - प्रदाह के कारण सिरदर्द जिसमें माथे पर ठंडी पटटी रखने से आराम होता है उसमें यह दवाई खानी चाहिए।

इन बातो से करे परहेज-  माइग्रेन के दर्द के समय आपको बहुत ठंड तेज आवाज दूर हुए भरे वातावरण से दूर रहना चाहिए पोस्टिक  पदार्थों को खाना चाहिए और पानी भी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए।

Sunday, July 30, 2017

ऐसे ले दवाई तो होगा जल्दी फायदा


बायोकेमिक दवाये  व्यक्ति की परिस्थितियों के हिसाब से दी जाती है. वैसे इन दवाओं को दिया जाने का सामान्य नियम यह है कि अगर किसी व्यक्ति का रोग नया है तो उन्हें ३x6x 12x 30x आदि की शक्ति दे. अगर किसी का रोग पुराना है तो वह 200x और 1000x आदि शक्ति की मात्रा में लें.
 यह दवा कितनी मात्रा में किन लोगों को दी जानी चाहिए। इसका नियम यह है कि बड़े लोगों को यह दवा चार- पांच गोली। बड़े बच्चों को यह दवा २-3 गोली और छोटे बच्चों को यह दवा आधी गोली के रूप में दें.
यह दवाई आप चाहे तो पाउडर बना कर खा सकते हैं. या फिर मुंह में डाल कर चूस सकते हैं और इन दवाओं को लेने के 15 मिनट बाद तक कुछ भी खाना पीना नहीं चाहिए।
 यह दवाई गुनगुने पानी के साथ पीने से जल्दी असर करती हैं

Friday, July 28, 2017

सिर दर्द के अनुसार ले ऐसे दवा


फैरम फॉस 6X-  जिन लोगों को सर्दी या गर्मी लग जाने की वजह से बुखार आ जाता है और उनके सर में दर्द होने लगता है उन लोगों को यह दवाई खानी चाहिए यह आपको सिरदर्द से निजात दिलाएंगे.
काली सल्फ 6x-  जिन लोगों को बात की वजह से सिर में दर्द होता हो और जिनका लक्षण ऐसा हो कि अगर वह किसी गरम कमरे में जाते हैं तो सिर दर्द बढ़ जाता है और खुली हवा में आपको सिर दर्द में आराम मिलता हो तो आप को इस दवाई को खाना चाहिए.
 कल्केरिया सल्फ 3x-  जिन लोगों का दर्द किसी भी बंद कमरे में धीरे-धीरे बढ़ जाता है या फिर अगर आप कोई चीज़ पढ़ने बैठते हैं या फिर किसी भी प्रकार का मानसिक श्रम करते हैं और इसकी वजह से आपको सिर दर्द होने लगता है उनके लिए भी यह दवाई उपयोगी है.
कैलकेरिया फॉस6x- जिन लोगों को मौसम बदलने की वजह से सिर में दर्द होता है उनके लिए कैलकेरिया फॉस दवाई बहुत लाभ देती है.
 काली मयूर6x- जिन लोगों को यकृत कमजोरी की वजह से सर में दर्द होता हो भूख नहीं लगती हो और जिनकी जीव सफेद हो गई हो उनको यह दवाई खानी चाहिए।
 साइलीशिया 12x- जिन लोगों को तेज रोशनी में या फिर तेज आवाज की वजह से सिर दर्द होता है जिन लोगों को बहुत जल्दी गुस्सा आता हूं उससे की वजह से सिर दर्द होता है या फिर शरीर में अधिक खून की वजह से सर में दर्द होता हो उनके लिए यह दवाई लाभकारी है.
 मैग्नीशिया फास 6x-  जिन लोगों को स्नायिक सर दर्द  जो गोली मारने जैसा हो स्थान  बदलता हो और ठंड की वजह से ज्यादा बढ़ जाता है. आंखों के आगे चिंगारियां सी उठती हो तो उन लोगों को यह दवाई खानी चाहिए।

परहेज -
 सिरदर्द वाले मरीजों को बहुत अधिक ठंड और बहुत अधिक गर्मी से बचना चाहिए ज्यादा शोर-शराबे में नहीं जाना चाहिए और सिर को दबाना चाहिए लाभ मिलेगा।

डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले.

Tuesday, July 25, 2017

biochemic medicines बायोकेमिक दवाओं से पाए रोगो से निजात वो भी घर बैठे.




आज हम आपको बायोकेमिक दवाइयों के बारे में बताने जा रहे हैं यह दवाइयां 12 प्रकार की होती हैं जिनके द्वारा आप अपने शरीर के किसी भी रोग का इलाज कर सकते हैं विलियम हेनरी को बायोकेमिक के आविष्कारक माना गया है. बायोकेमिक के अनुसार माना जाता है कि शरीर में पानी के अलावा दो प्रकार के पदार्थ होते हैं. एक कार्बनिक दूसरा अकार्बनिक। शरीर में इन अकार्बनिक पदार्थों की संख्या 12 है जिनमें 11 प्रकार के छार ह  और एक सिलिका होती है. अकार्बनिक पदार्थों को ही विशिष्ट प्रकार के लवण कहा जाता है. इन्हीं 12 विशेष प्रकार के लोगों में से अगर किसी छार की  आपके शरीर में कमी होती है तो आपका शरीर रोगो  को उत्पन्न करता है. तो अगर आप भी चाहते हैं आप घर पर बैठ कर स्वस्थ रहें तो आपको इन बायोकेमिक दवाओं को अपनाना चाहिए। इन दवाओं का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता आप इन्हें आसानी से आजमा सकते हैं. इन्हे गृह चिकत्सा के नाम से भी जाना जाता हैं. लेकिन आप जब भी इन्हे उपयोग करे तब एक बार अपने चिकत्सक से भी परामर्श जरूर करें.  आज से इस ब्लॉग पर हम इन्ही दवाओं की सीरीज लिखने वाले हैं. यह उपाय बायोकेमिक चिकित्सा नामक किताब के हैं जिससे डॉक्टर मधुर अग्रवाल ने लिखा है.

Sunday, July 23, 2017

lose weight after delivery डिलीवरी के बाद कैसे करें वजन कम



डिलीवरी होने के बाद कई महिलाओं का पेट बहुत बढ़ जाता है चाह कर भी उसे कम नहीं कर पाती हैं. इसके लिए वह तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं. पर उनका वजन कम नहीं होता। वैसे डॉक्टरों का मानना है कि डिलीवरी होने के बाद वजन को कम करने में कम से कम 9 महीने लगते हैं. क्योंकि वजन 9 महीने में ही बढ़ता  है
 फिर भी अगर आप चाहते हैं कि आपका वजन जल्दी कम हो तो आपको डिलीवरी के बाद अपने कमर पर 6 महीने तक पट्टे को बेल्ट को बांधना चाहिए। इसके साथ ही आपको पीपली का चूर्ण दो टाइम खाना चाहिए यह आपके वजन को कम करने में बहुत मदद करता है.

weight loss वजन को कम करने के लिए


वजन  को कम करने के लिए आज हम आपको एक ऐसा नुस्खा  बताने जा रहे हैं जिसे अपनाकर आप अपने वजन को कम करने में मदद कर सकते हैं. इस नुस्खे अपनाते समय याद रखें कि आप थोड़ी एक्सरसाइज करें और अपने खानपान पर ध्यान दें. अगर आप ज्यादा खाते हैं तो आपका वजन कम नहीं होगा। यह घरेलू नुस्खा बहुत ही आसान। इसके लिए आपको सिर्फ केला और जीरा चाहिए।
 एक पका हुआ केला लेकर उसे अच्छे से मसल लें  उसके बाद इसमें जीरे को भूनकर अच्छी तरह मिला दें और फिर इस मिश्रण को दिन में 2 बार खाएं। ऐसा करने से आपकी पेट की चर्बी जल्दी खत्म हो जाएगी।

गोरी त्वचा fair skin only 30 minuit


30 miniut में  चेहरे को गोरा और सुंदर बनाने के लिए एक छोटा चम्मच जौ का आटा आधा चम्मच चंदन पाउडर एक चुटकी भर हल्दी इन सब को लेकर नीबू के रस में घोलकर अपने चेहरे पर आधा घंटे तक लगाकर रखें उसके बाद हल्के गुनगुने पानी से अपने चेहरे को साफ कर लें. यह उपाय आपके चेहरे को गोरा बनाएगा। आपकी त्वचा निखरी निखरी नजर आएगी।

अगर आप चाहते हैं कि आपके चेहरे की व्डेड स्किन हट जाए तो आपको अपने चेहरे पर काली मिट्टी का फेस पैक लगाना चाहिए और अपने मुहांसों को ठीक करने के लिए आपको नीम  की जड़ को महीन पीसकर चेहरे पर लगाना चाहिए। यह उपाय आपके मुहांसों को बहुत जल्दी ठीक कर देता है. 

Monday, June 26, 2017

weight loss and gas problem को भगाये चुटकियों में

 जो लोग अपना वजन कम नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें लगातार गैस की समस्या होती है उन्हें यह चमत्कारी चूर्ण अपनाना चाहिए। यह जो आपके wajan को भी कम करता है इसके अलावा यह आपकी gas problam  की समस्या हो तो यह उससे भी आपको निजात दिलाता है. यह चूर्ण बनाने के लिए आपको लौंग,   काला नमक, दालचीनी और अजवाइन इसके साथ ही आपको हरड़  का पाउडर भी उपयोग में लाना है. यह चूर्ण  बनाने के लिए आपको
-दालचीनी 5 ग्राम, लॉन्ग ८-९,, अजवाइन दो चम्मच हरड़ का चूर्ण दो चम्मच, काला नमक 2 ग्राम,
 चूर्ण बनाने के लिए आपको अजवाइन को भूंज कर मिक्सर में पीसना है. उसके साथी लौंग को भी भुंजकर  पीस ले.  अब इन सब चीजों को एक साथ ग्रेंडर में मिलाकर अच्छे से चला दे. अब आप का चूर्ण तैयार है. यह चूर्ण  आपको खाना खाने के बाद 5 ग्राम की मात्रा में खाना है. आपके शरीर में किसी भी प्रकार की गैस की समस्या होगी तो है उससे निजात दिलाएगा। wight को भी काम करेगा.
यह नुस्खा डॉ शालिनी डॉ शालिनी का हैं जिनका अपना यू ट्यूब पर चैनल हैं. 

Thursday, April 20, 2017

Tips for baby बच्चों के लिए जानकारी

 बच्चों में पेट दर्द की समस्या होने पर शिशु के नाभि के चारो ओर हींग को हल्के गुनगुने पानी या दूध में घिस  कर लगाने से शिशु के पेट की गैस निकल जाएगी और उसका पेट दर्द सही हो जाएगा,
 चौथाई कप पानी में 10 से 15 अजवाइन के दाने डालकर इस पानी को उबालें जब पानी आधा रह जाए तो इसमें थोड़ा सा गुड़  मिला लें. फिर यह पानी बच्चे को पीला दें.   ऐसा करने से आपके बच्चों को पेट दर्द की समस्या से आराम होता है.
. और सर्दी मैं भी आराम होता है.
 बच्चों के कान में दर्द हो रहा हो तो उनके कान में मुँह से  थोड़ी गर्म हवा हल्के हल्के फुकनी  चाहिए ऐसा करने से बच्चों को कान के दर्द में आराम होता है. आप चाहें तो कपड़े को हल्का सा गर्म करके कान की सिकाई कर सकते हैं. ध्यान रखें बच्चों को लेटकर आप स्तनपान न करवाएं इसकी वजह से भी कान में संक्रमण हो जाता है.

If I have problems of abdominal pain in children, after stomaching the asafoetida in light lukewarm water or milk around the baby's navel, the gas will drain the stomach of the infant and its stomach pain will be corrected. In the fourth cup of water, 10 to 15 celery Boil this water after boiling it, when the water is halfway, adding a little bit of it in it, your children relax with the problem of stomachache and the rest of the winter is also relaxing. If you are suffering from pain, then a little warm air in your ear should be a lightweight photo. By doing so, children are comfortable in ear pain. If you want, you can warm the clothes and curl the ear. You do not have breastfeeding, it also causes ear infections.

Wednesday, April 19, 2017

baby name बच्चो के नाम


Additri    Aaryahi  
Adah    Advika  
Ahana    Alisha  
Anaya    Anika  

  
Ira    Jivika  
Jiya    Kashvi  
Kavya    Keya  
Khushi    Kiara  

Mahika    Mishti  
Myra            Navya  
Neysa    Nitya
Pari          Parinaaz 
Tara           Tiya  
Vanya     Vardaniya  
Vedika    Vritika  

Yashvi    Zara   
Anvi          Aradhya  
Bhavya  Charvi  
Drishya    Eva


Pihu         Prisha  
Riya        Saanvi  
Samaira    Sana  
Sara          Shanaya
Siya           Tanya      
Hrishita    Inaaya

Additri Aaryahi
आदा एडका
अहाना अलीशा
अनया अनिका
अंवि अराध्य
भाव चारवी
द्रष्ट्य ईवा
ऋषिता इनाया
इरा जिविका
जिया काशवी
कव्य कुंजी
खुशाली किआरा
महिका मिस्ती
मायरा नविया
नेसा नित्य
पारी परिनाज
पीहु प्राशा
रिया सांवी
समैरा साना
सारा शानया
साया तान्या
तारा तिया
वान्या वर्दानिया
वेदिका विरितिका
यशवी जरा

Monday, April 17, 2017

Foods during loose motion for babyes दस्त के दौरान बच्चों को दिया जाने वाला भोजन

प को दस्त के बच्चों को दस्त की समस्या होने पर आप उसे सेब का सॉस बना कर दे सकती हैं. बच्चों को दस्त होने पर आप आरारोट पाउडर का हलवा भी दे सकती हैं यह पाउडर आपको कहीं पर भी मिल जाएगा। बच्चों को दस्त होने के दौरान आप उन्हें नींबू के रस की काली चाय भी दे सकते हैं. छाछ पीने से भी शिशुओं में दस्त बंद हो जाते हैं. अगर आपका बच्चा 6 माह से छोटा है तो आपको उसे पर्याप्त मात्रा में स्तनपान कराना चाहिए। आप गाजर की पीयूरी भी बच्चे को अगर दस्त हो रहे हो तो दे सकती हैं. अगर आपका मैं आपका बच्चा 7 से 8 महीने की अधिक उम्र का है तो आप ताजा जमा हुआ दही दे सकते हैं. दाल का पानी डाल खिचड़ी यही दस्त  होने के दौरान आप अपने बच्चे को दे सकते हैं.

If the children diarrhea problems, you can make them an apple sauce. If you have diarrhea, you can also give a pear of Ararat powder. This powder will be found anywhere. They can also give black tea of ​​lemon juice to them. Drinking stomach also causes diarrhea in infants, if your child is under 6 months then you should feed him in sufficient quantity. If you are still having diarrhea, you can give it if you have your baby more than 7 to 8 months old then you can give fresh fresh curd to the dhal. Can give your child

Sunday, April 16, 2017

Super Foods To Increase milk In New Moms माँ का दूध बढ़ाने वाले फ़ूड

जो लोग जो महिलाएं अभी मां बनी है उनके लिए आज हम कुछ ऐसे भोजन में बनाने वाले पदार्थ बताने वाले हैं जिन्हें खाकर मैं अपने स्तनों का दूध बढ़ा सकती हैं क्योंकि कभी-कभी ऐसा होता है कि पर्याप्त मात्रा में दूध ना निकलने पर बच्चा भूखा रह जाता है. अगर आप अपने आहार में इन चीजों को शामिल करती हैं तो आप आपके बच्चे को आप पर्याप्त रूप से दूध पिला सकते हैं'
 नई माँ का खाना  तिल के तेल में या घी  में बनाना चाहिए ऐसा करने से उनको दूध की मात्रा बढ़ती है.
 बादाम खाने से भी नई मां में दूध बनता है.
 दूध पिलाने से पहले माओं को एक ग्लास पानी पीना चाहिए उसके बाद बच्चे को दूध पिलाएं ऐसा करने से बच्चे को दूध आसानी से पचेगा.
  आप अपने भोजन में लौकी का सेवन करें या लौकी भी दूध बढ़ाने का काम करती हैं.
 आप ब्राउन राइस भी अपने खाने में शामिल कर सकती हैं।
सहजन की पत्तियों की सब्जी खाने से भी मां में दूध बढ़ता है.
स्तनपान के दौरान हर मां को कम से कम 2 से 3 ग्लास दूध पीना चाहिए।

For those women who have become mother now, today we are going to tell the substances which are being prepared in such food, which by eating, I can increase the milk of my breasts because sometimes it happens that if the milk does not go away, the child is hungry goes. If you include these things in your diet, then you can adequately feed your baby '
 The new mother's food should be made in sesame oil or in ghee by doing so, they increase the amount of milk.
 Eating almonds also creates milk in the new mother.
 Mothers should drink a glass of water before feeding them, then feed them to the baby, so that the milk will be easily accessible to the child.
  If you eat gourd in your diet or gourd also work to increase milk.
 You can also add brown rice to your meal.
Due to the consumption of vegetable of leaves of Sahajan, milk increases in mother.
Every mother should drink at least 2 to 3 glasses of milk during breastfeeding.

Tuesday, January 17, 2017

महत्वपूर्ण बातें Important Things


बच्चे के शरीर में ज़िंक की कमी न होने दे. बच्चे की मालिश सरसो के तेल से करें. बच्चे को भूख लगने पर हे स्तनपान करवायें। Failing to give the child's lack of zinc in the body. use mustard oil for baby massage. Breastfeeding should be conducted on child hunger.

जब आपका शिशु ६ माह का हो जाए तो उसे नाचनी सत्व यांनी की रागी का आटा पानी या दूध में डालकर खोलकर पिलाये. शिशु के लिए आचछा होता हैं.


When your baby is 6 months old, then the nachni Sattva raises his dough into water or milk, and then drink it open. The baby is curious.

अगर आपका बच्चे के दाँत निकलना शुरू हो गए हैं तो आप एक चूर्ण जिसे डिकेमालि कहते हैं महराष्ट्र में बच्चो के दांत निकलने के समय से २ साल तक मुँह में घिसा जाता हैं.
If your baby's teeth begin to grow, then you are a powder called Dikamali, which is worn in the mouth for two years from the time of the removal of children's teeth in the state of Maharshtra.



बच्चे को जब भी ६ माह बाद कुछ खिलाना सुरु करे तो पहले उसको पानी के रूप में हे तरल आहार दे. माँ का दूध पिलाना बिलकुल भी बंद न करें. जैसे सुबह सुको दूध पिलाया है तो ९ से १० के बीच में पहले दिन सिर्फ सेब का जूस या किसी भी फल का थोड़ा गाड़ा जूस एक हे बार दे. बाकी समय माँ का दूध हे दें. हर दिन ऐसा करके एक -एक दिन जूस देते जाएँ.


24 घंटे में माँ के स्तन में दूध न आये तो बाहर का दूध पिलाने की भारी कदापि न करे। उससे बच्चे की पाचन-क्रिया बिगड़ जाती है।


दाल का पानी बच्चों के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक प्रोटीन और लौह तत्वों से भरपूर होता है। इसका स्वाद अलग होता है और इसे एक छोटे चम्मच घी के साथ परोसना सबसे अच्छा रहता है।


बच्चे के छाती पर अलसी का लेप करने से बच्चो को सर्दी नहीं लगती.



 

अगर आपके बच्चे को दस्त लग रहे हैं तो If your child has diarrhea

अगर आपके बच्चे को दस्त लग रहे हैं तो आप बच्चे के शरिर में पानी की कमी न होने दे उसे नारियल पानी दे.  नमक और चीनी का घोल दे. अगर आपका शिशु स्तनपान करता है तो उसे स्तनपान करवाते रहें.

If your child has diarrhea if you do not give her the water shortage in child body.
 give coconut water. Give salt and sugar solution. If your baby is breastfeeding you can also counting  breastfeeding.

अगर आपके बच्चे को सर्दी हो गई है तो आप विक्स का उपयोग कर सकते हैं. बहुत छोटे बच्चो को हम विक्स नाक पर नहीं लगा सकते इसलिए आप रात को शिशु के सोते समय पैरो के तलवो में विक्स से मालिश करके मोज़े पहना दे जो आपके बच्चे के लिए सर्दी में आराम दायक होगा...
ऐसा में स्वयं अपने बच्चे के साथ करती हु जब उसे सर्दी होती है.
If your child has a cold, you can use Vicks. Very small children can not we rub  Vicks on the nose. while at night baby sleeping infant massage the legs of Vicks.
I am also doing same things when my childe have a cold.



कहते है हरड़ (terminalia chebula) पाचन के लिए बहुत अच्छी  होती है. इसलिए आप अपने बच्चे को बड़ी हरड़ को पानी ये मदर मिल्क में घिसकर चटा सकते हैं पर ध्यान रहे बहुत छोटे बच्चो को १-२ बून्द से ज्यादा नहीं देना है. वार्ना बच्चो को यह दस्त भी लगा सकती हैं.

Harad (terminalia chebula) is very good for digestion. Harad rub in a water otherwise mother milk and give 1-2 drops very small childern. you give the more drop your childern it can also be diarrhea.



शहद और नीबू बच्चो के लिए कवच का काम करता हैं सर्दी जुखाम में. बच्चो को नहलाने से पहले उनकी छाती (सीने) में शहद में नीबू का रस मिलाकर मालिश करे. फिर बच्चे को नहला दे।


Honey and lemon mix are good for baby.  before bathing you can massage  honey & lemon juice to his chest. Then give the child a bath. this things protect your baby for cold problem.






Sunday, January 15, 2017

शिशुओं से जुड़ी बातें about baby traditions

जब बच्चे पैदा होते हैं तो कही बच्चो को माँ के दूध में घिसकर छुहारा बादाम जायफल दिया जाता हैं. कही पर संजीवनी की गोली तो कही पर नाचणी सत्व दिया जाता है.  अगर आप भी जानते है ऐसा कुछ तो हमे बातये (thakurrekha930@gmail.com) . हम आपकी जानकरी और लोगो को बातएंगे. शायद उनके लिए लाभकारी हो.

When babies are born, some people are said the children are given breast milk Grind raisins, almonds, nutmeg. and some where giving Nacni sattv is lifesaving. If you know something mail (thakurrekha930@gmail.com) me i will publish this information. Probably be beneficial for them.


बच्चों के तलवों की मालिश करने से बच्चे का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है.
 massaging the soles of the children of the baby's immune system stronger.


जब बच्चो के दांत निकलते हैं तब कहा जाता हैं की बच्चे दस्त करने लगते हैं जबकि बच्चे के दस्त का कारन दांत निकलना नहीं बल्कि डाट निकलने की वजह से मसूड़ो में जो खुजली होती है जिसकी बजह से बच्चे हर चेज़ मुह में डालते रहते हैं जो संक्रमण पैदा करता है. वही दस्त का कारन होता हैं.

Saturday, January 14, 2017

आपके अनुभव किसी की मदद Your experience to help someone

हाल ही में मां बनी हूँ. मुझे यह समझने में बहुत दिक्कत हुए की में अपनी प्यारी बेटी सान्या की देख रेख कैसे करू. बहुत logo ने अपने तरीके बातये. कुछ माँ ने बताये कुछ सासु माँ दीदी ननंद भाभी और भी बहुत लोग. तभी मेरे मन में यह ख्याल आया की क्यों न एक ऐसा ब्लॉग अन्य जाए जिसमे लोग अपने मातृत्व के अनुभव आपस में बातये. जैसे की बच्चो की परेशानियों में कैसे समझे. कौन से तरीके अपनाये. नुस्खे, खानपान, मालिश, नहलाना, पहनावा, बदलता व्यवहार, जैसी छोटी बातों को माँ कैसे समझे। आप अपने अनुभव मुझे मेल कर सकती है. चाहे तो अपने प्यारे बच्चे के साथ फोटो भेजे। में अपने ब्लॉग पर आपके अनुभव और फोटो शेयर करुँगी.. हो सकता है की आपकी जानकारी किसी और के लिए वरदान साबित हो..
I recently became a mother. It was very difficult for me to understand why baby is crying.
 Many people Batye own way. Sister-in-law, mother-in-law and sister in a mother mentioned some people too much. Then I got this thought in mind, why not be  create a blog in which other people experience their motherhood Batye together. Such as how to understand children's issues. Which methods adopted. Recipes, catering, massage, bathe, dress, behavior changes, such as how to understand the little things mom. You can mail      thakurrekha930@gmail.com         me your experience. Whether the photo sent with your dear child. Will share your experiences and photos on his blog .. may be beneficial for your information to anyone else .