जौ एक ऐसा अनाज है जो कि आपके स्वास्थ्य से जुड़े हुए समस्याओं में लाभ देता है. जौ स्वाधीन होता है. यह गेहूं की अपेक्षा पचने में भारी होता है. ज्यादा मात्रा में खाने पर आपको पेट में वायु बनने की परेशानी हो सकती है. अगर किसी को खांसी, सर दर्द, सीने में दर्द ,मसूड़ों की सूजन, आदि बीमारी होती है, तो उनको जौ को खाना चाहिए. वैज्ञानिकों का मानना है कि जो व्यक्ति बीमार रहते हैं. उनको अनाज के रूप में जौ खाना चाहिए. इसमें लैक्टिक एसिड, सैलिसिलिक एसिड, फास्फोरिक एसिड, पोटेशियम, कैल्शियम पाया जाता है.
किसी भी स्त्री का अगर बार बार गर्भपात हो जाता है तो उसको जौ के आटे में शक्कर को बराबर की मात्रा में मिलाकर खाना चाहिए. ऐसा करने से गर्भपात की समस्या से आराम मिलता है. इसके अलावा आप जौ तिल और शक्कर को समान मात्रा में लेकर इसका चूर्ण बना लें. इस चूर्ण को शहद के साथ खाने से आपको गर्भपात होने का डर नहीं रहता.
जिन लोगों को रक्त वात की परेशानी होती है उन्हें जौ के सके हुए आटे और मुलेठी को धोये हुए घी में मिलाकर लेप लगाने से रक्त वात की परेशानी दूर होती है. जिनको अतिसार की बीमारी है और आंतो में तेज जलन होती है. उनको जौ और मुंग का पसावन(माड़) बना कर पीना चाहिए. आराम मिलेगा.
किसी भी स्त्री का अगर बार बार गर्भपात हो जाता है तो उसको जौ के आटे में शक्कर को बराबर की मात्रा में मिलाकर खाना चाहिए. ऐसा करने से गर्भपात की समस्या से आराम मिलता है. इसके अलावा आप जौ तिल और शक्कर को समान मात्रा में लेकर इसका चूर्ण बना लें. इस चूर्ण को शहद के साथ खाने से आपको गर्भपात होने का डर नहीं रहता.
जिन लोगों को रक्त वात की परेशानी होती है उन्हें जौ के सके हुए आटे और मुलेठी को धोये हुए घी में मिलाकर लेप लगाने से रक्त वात की परेशानी दूर होती है. जिनको अतिसार की बीमारी है और आंतो में तेज जलन होती है. उनको जौ और मुंग का पसावन(माड़) बना कर पीना चाहिए. आराम मिलेगा.
No comments:
Post a Comment